गुजरात सरकार ने शहरी इलाक़ों में दुपहिया वाहनों पर हेलमेट पहनना अनिवार्य होने के क़ानून में छूट देने का एलान किया है.
ये छूट केवल नगरपालिका और म्युनिसिपिलैटी के तहत आने वाले इलाक़ों में ही दी गई है. हाइवे और ग्रामीण इलाक़ों में हेलमेट अब भी अनिवार्य रहेगा.
गुजरात सरकार ने ये फ़ैसला इस बारे में बड़ी संख्या में असुविधा होने की शिकायतें सामने आने के बाद किया.
केंद्र सरकार ने कुछ ही महीने पहले मोटर वाहन क़ानूनों में बदलाव किया था जिसके बाद जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ा दी गई थी.
बुधवार को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद परिवहन मंत्री आरसी फलदू ने कहा, "ये फ़ैसला काफ़ी विचार के बाद लिया गया क्योंकि कई संगठनों और संस्थाओं ने शहरी क्षेत्र में इस क़ानून में छूट दिए जाने की मांग की थी."
इस छूट के बाद अब गुजरात में शहरी इलाक़ों में पुलिस बिना हेलमेट पहने दुपहिया वाहन चलाने वालों पर जुर्माना नहीं लगा सकेगी.
इससे पहले भी गुजरात में जुर्माने की राशि बढ़ाए जाने को लेकर भारी विरोध हुआ था जिसके बाद गुजरात पहला राज्य बना जहाँ इस क़ानून में छूट दी गई थी.
नए क़ानून में बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते समय पकड़े जाने पर 1000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान था मगर गुजरात में इसे आधा कर 500 रुपए कर दिया गया था.
साथ ही दुपहिया वाहनों पर दो से ज़्यादा लोगों के बैठने के लिए 1000 रुपए का जुर्माना तय किया गया था मगर गुजरात में इसे घटाकर केवल 100 रुपया कर दिया गया.
बिना सीट बेल्ट पहने पकड़े जाने पर 1,000 रुपए के जुर्माने को भी घटाकर 500 रुपया कर दिया गया था.
ऐसे ही ट्रैफ़िक नियम तोड़ने के दूसरे मामलों, जैसे बिना लाइसेंस या इंश्योरेंस या प्रदूषण सर्टिफ़िकेट के गाड़ी चलाने, या शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसे मामलों में भी जुर्माने की राशि घटा दी गई थी.
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